۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अल्लामा मकसूद डोमकी

हौज़ा / इमाम खुमैनी फना फिल्लाह और फना फिल इस्लाम की मंजिल पर फाइज़ थे। यही कारण है कि महान क्रांतिकारी नेता, दार्शनिक अयातुल्ला बाकिर अल-सदर ने कहा था कि इमाम खुमैनी के साथ इस प्रकार विलीन हो जाओ जैसे कि वो इस्लाम में विलीन हो गए थे। यानी उन्होने अपने अहंकार और जाति को मिटाकर ईश्वर के धर्म में अपना सर्वनाश कर लिया है।

हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार महान नेता हजरत इमाम खुमैनी की 32वीं बरसी के मौके पर मजलिस-ए-वहदत-ए-मुसलमीन पाकिस्तान के मुख्य प्रवक्ता अल्लामा मकसूद अली डोमकी ने कहा कि हजरत इमाम खुमैनी फना फिल्लाह और फना फिल इस्लाम की मंजिल पर फाइज़ थे। इसलिए महान क्रांतिकारी नेता, दार्शनिक अयातुल्ला बाकिर अल-सदर ने कहा था कि इमाम खुमैनी के व्यक्तिव में ऐसे विलीन हो जाओ जैसे वह इस्लाम में विलीन हो गए हों। यानी उन्होने अपने अहंकार और जाति को मिटाकर ईश्वर के धर्म में अपना सर्वनाश कर लिया है।

उन्होने ईरानी राष्ट्र को शाह के अत्याचारी शासन से बचाया और दुनिया को महान शैतानी अमेरिका के खिलाफ खड़ा होना सिखाया। उन्होने आधुनिक मानवता को गफ़लत की नींद से जगाया और उन्हें महान शैतानी शैतान और तगुत के खिलाफ खड़ा किया। उन्होने इस्लामी सरकार की स्थापना की कुरान और सुन्नत के आलोक में और फकीह आदिल के शासन के आधार पर विलायत-ए-फकीह की प्रणाली को लागू किया।

उन्होंने कहा कि इमाम खुमैनी के क्रांतिकारी विचार एक वैश्विक क्रांतिकारी आंदोलन बन गए हैं और उस समय के फिरौन यानी अमेरिका के महान शैतान और दुनिया के शैतानों के लिए भय का प्रतीक बन गए हैं। जो दुनिया भर के शोषितों के लिए उम्मीद की किरण बन गई है। यह वैश्विक क्रांतिकारी आंदोलन भविष्य की वैश्विक इस्लामी क्रांति की शुरुआत करता है। जो मानवता की दुनिया के तारणहार इमाम महदी (अ) के स्वागत के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं।

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