۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
٘शबे कद्र

हौज़ा/ हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में शबहाये कद्र में हज़रत ज़हरा (स.ल.) कि एहतेमाम की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " दआएमुल इस्लाम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمومنین (علیہ السلام)

وَكانَتْ فاطِمَةُ عليهاالسلام لاتَدَعُ اَحَدا مِنْ اَهْلِها يَنامُ تِلْكَ اللَّيْلَةَ ـ لَيلَهَ القَدرِ ـ وَ تُداويهِمْ بِقِلَّةِ الطَّعامِ وَ تَتَأَهَّبُ لَها مِنَ النَّهارِ وَ تَقُولُ: مَحْرُومٌ مَنْ حُرِمَ خَيْرُها.


हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
हज़रत ज़हरा (स.ल.) शबहाये कद्र को अपने घर के अफराद में से किसी को सोने नहीं देती, इन्हें कम खाना देती और शबे कद्र के एहया के लिए एक दिन पहले से आमादगी शुरू कर देती, और फरमाती, महरूम है वह जो इस रात की बरकतों से महरूम हो।

दआएमुल इस्लाम,भाग 1,पेंज 282

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