बुधवार 7 जुलाई 2021 - 21:40
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम को देखने और याद करने का सवाब

हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने एक रिवायत में हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम को देखने और याद करने के सवाब कि ओर इशारा किये है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " अलआमाली" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال رسول اللہ صلى ‌الله ‌عليه ‌و‌آله وسلم

اَلنَّظَرُ إِلَى عَلِيِّ بْنِ أَبِي طَالِبٍ عَلَيْهِ السَّلاَمُ عِبَادَةٌ وَ ذِكْرُهُ عِبَادَةٌ وَ لاَ يُقْبَلُ إِيمَانُ عَبْدٍ إِلاَّ بِوَلاَيَتِهِ وَ اَلْبَرَاءَةِ مِنْ أَعْدَائِهِ


हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने फरमाया:


हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम को देखना और उनका ज़िक्र करना इबादत है, और अली इब्ने अबी तालिब की विलायत का इकरार और उनके दुश्मनों से
इज़हारे बराअत के बागैर ईमान काबिले कुबूल नहीं हैं।


  आमालिये सदुक,भाग 1,पेंज 138

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