हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना को क़ाबू में करने वाली वैक्सीनों के आने के बाद से ये सवाल अक्सर उठता रहा है कि क्या ज़रूरत पड़ने पर अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन के डोज़ लिए जा सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये करना ख़तरनाक हो सकता है। संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि इसके असर के बारे में बहुत कम डेटा उपलब्ध है।
उन्होंने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, “ये एक ख़तरनाक चलन बनता जा रहा है। जहां तक अलग-अलग कोविड वैक्सीन को मिलाने की बात है, हमारे पास इससे जुड़े वैज्ञानिक आंकड़े और साक्ष्य नहीं हैं।”
“अगर आम लोग ही ये तय करने लगें कि कब और कौन वैक्सीन की दूसरी, तीसरी या चौथी खुराक लेगा तो अराजकता वाली स्थिति पैदा हो जाएगी।”