۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
मुर्तजा कश्मीरी

हौज़ा / यूरोप में आयतुल्लाह सिस्तानी के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैय्यद मुर्तजा कश्मीरी ने कहा: इस साल रमजान का पवित्र महीना कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्षों से अलग है। आज धार्मिक केंद्र, मस्जिदे और इमामबारगाहे कोरोना वायरस के कारण बंद है और धार्मिक कार्यक्रम जिसमें बा जमात नमाज , धार्मिक दुआएं और तिलावते कुरआन मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थानों में नहीं हो रही है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में आयतुल्लाह सिस्तानी के प्रतिनिधि हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद मुर्तज़ा कश्मीरी ने रमज़ान के पवित्र महीने के मौके पर बात करते हुए कहा: इस साल कोरोना वायरस के फैलने के कारण रमजान का पवित्र महीना पिछले सालो के रमजान का पवित्र महीना थोड़ा अलग है।

उन्होंने कहा: "कोरोना वायरस ने लाखों लोगों को अपनी चपेट मे लेकर उनको मौत के घाट उतार दिया।" वायरस अभी भी फैल रहा है और स्थिति हर दिन खराब हो रही है और लोग डर रहे हैं।

हुज्जतुल-इस्लाम कश्मीरी ने कहा: कोरोना वायरस के दो पहलू हैं। पहला पहलू वहशत और खौफ़, महदूदियत और सख्ती का है जबकि दूसरा पहलू जागरूकता और प्रशिक्षण का है। दूसरे पहलू को केवल वो लोग दरक कर सकते है जिन्हें खुदा ने अंतर्दृष्टि (बसीरत) दी है।

यूरोप में आयतुल्लाह सिस्तानी के प्रतिनिधि ने कहा: यह आशा की जाती है कि यह स्थिति कारण बनेगी कि बंदे को अपने रब की तरफ लौट आए, उसकी बारगाह मे गिड़गिड़ाए उससे तमुस्सुक करे और अपने जाहिर व बातिन की इस्लाह के बाद इस मुसीबत के टल जाने की दुआ करें।

हुज्जुल इस्लाम कश्मीरी ने कहा: आज, कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्षों से अलग है। आज धार्मिक केंद्र, मस्जिदे और इमामबारगाहे कोरोना वायरस के कारण बंद है और धार्मिक कार्यक्रम जिसमें बा जमात नमाज , धार्मिक दुआएं और तिलावते कुरआन मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थानों में नहीं हो रही है।

घरों में पवित्र कुरान, दुआ, ज़िक्र और तवस्सुल सभाओं को आयोजित करने की आवश्यकता है।

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