हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " मिज़नुल हिकमा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الکاظم علیہ السلام
مَنِ اسْتَشارَ لَم يَعدَم عِندَ الصَّوابِ مادِحَا و عِندَ الخَطَإِ عاذِرا
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स. ने फरमाया:
जो भी मशवेरा करता है तो अगर वह अपने काम को दुरुस्त अंजाम दे! तो लोग उसकी तारीफ करते हैं और अगर वह गलती करें तो लोग उसके कोताही (उज़्र) को कबूल करते हैं।
मिज़नुल हिकमा,हदीस नं.9847