हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पुणे स्थित एक गैर सरकारी संगठन ग्लोबल स्ट्रैटेजी द्वारा किया गया था। अपने संबोधन में जैस्मीन आरएसएस प्रमुख मोहन भगत ने कहा कि हिंदू और मुसलमान सभी एक हैं। मैं उन लोगों का विरोध करता हूं जो इस देश में हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने का काम करते हैं। हमारे पूर्वज एक ही थे।
उन्होंने कहा, "आरएसएस किसी पार्टी से वोट करने की अपील नहीं करता और हम किसी राजनीतिक दल से नहीं हैं।" जनता जिसे चाहे वोट दे सकती है और सत्ता में ला सकती है।
उख़ूवत और भाईचारे के विषय पर उन्होंने कहा कि भारत की भूमि और यहां के लोगों को सामूहिक रूप से राष्ट्र कहा जाता है। हमारे धर्म अलग हैं, लेकिन समाज एक है। एक बेहतर समाज तभी संभव है जब हम आपस में भाईचारे का संदेश फैलाएं। सभी मनुष्य आदम और हव्वा के वंशज हैं।