मंगलवार 29 जून 2021 - 19:42
बढ़ती आत्महत्या दर और गुलामी पर चिंता, धार्मिक और सामाजिक संगठन स्थिति से निपटने के लिए जुटे, आगा सैयद हसन मूसवी 

हौज़ा / जम्मू और कश्मीर अंजुमन-ए-शरिया शिया के अध्यक्ष ने कहा कि इस्लाम ने अपने अनुयायियों के लिए कुरान और सुन्नत के रूप में सभी प्रकार की गंभीर स्थितियों से निपटने के लिए एक तरीका और उपचार तैयार किया है।

हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन आगा सैयद हसन मूसवी जम्मू-कश्मीर शिया शरीयत एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी देश जो हर तरह से और हर प्रकार के दुर्व्यवहार और अभाव का सामना करता है। हर स्तर पर मनोवैज्ञानिक और मानसिक रूप से विघटित हो सकता है और ऐसी स्थिति का सामना कर सकता है। हालांकि, इस्लाम धर्म ने अपने अनुयायियों को सभी प्रकार के लाभ दिए हैं। हमने बीमारी की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए एक विधि और उपचार तैयार किया है जो कुरान और सुन्नत के रूप मे हमारे पास है ।

आगा साहब ने कहा कि कश्मीर में इस तरह के जघन्य सामाजिक अपराधों के कारण और कारक स्पष्ट हैं और इस मामले में अपनी मानवीय और धार्मिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए हमें सामने आने की जरूरत है। लंबे समय से अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसे सामाजिक अपराधों और नैतिक बुराइयों का अड्डा बनाकर घाटी में नशा आत्महत्या और वेश्यावृत्ति इस श्रृंखला की कड़ी हैं।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में गुलामी की कल्पना नहीं की जा सकती है। यहां के इस घिनौने कोहरे को बढ़ावा देने में प्रभावशाली तत्व हमेशा शामिल रहे हैं। देश और समाज को इस भयावह स्थिति से बचाने के लिए धार्मिक और सामाजिक संगठनों की लामबंदी बेहद जरूरी है, लेकिन वे धार्मिक संगठनों का धार्मिक और आधिकारिक कर्तव्य भी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही सबसे बड़ा विश्वासघात है, इसलिए धार्मिक और सामाजिक संगठनों को आगे आकर स्थिति पर विचार कर कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए।

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