۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में नवरोज़ की खुसूसियत की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्तद रकुल वसइल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال الصادق علیه السلام

ما مِن یَومِ نَیروزٍ إلاّ و نَحنُ نَتَوقَّعُ فِیهِ الفَرَجَ لأِنَّهُ مِن أیّامِنا و أیّامِ شِیعَتِنا


हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:


कोई नौरोज़ नहीं है मगर यह कि हम उस रोज़ कायमे आले मोहम्मद स.ल. के ज़ुहूर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि नौरोज़ हमारे और हमारे शियाओं के दिनों में से एक हैं।


मुस्तद रकुल वसइल,भाग 6,पेंज 352

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .