۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) ने एक रिवायत में इमामे ज़माना (अ.त.फ़.श.) के ग़ैबत के ज़माने को बंदो के लिए इम्तेहान का वसीला क़रार दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत  "अल-ग़ैबा (अल-तूसी)" नामक पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الکاظم علیہ السلام:

يا بُنَيَّ إِنَّمَا هِيَ مِحْنَةٌ مِنَ اَللَّهِ اِمْتَحَنَ بِهَا خَلْقَهُ

हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) ने फरमायाः

मेरा बेटे!  यह ग़ैबते क़ायम (अ.त.फ़.श.) एक इम्तेहाने इलाही है कि जिसके माध्यम से वो अपने बंदो को आज़माता है।

अल-ग़ैबा (अल-तूसी), भाग 1, पेज 166

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