हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के इमाम अहमद इब्न इरफान विश्वविद्यालय के संरक्षक श्री सैयद सलमान हुसैनी नदवी ने 35वें एकता सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर ईरानी राष्ट्रपति "सैयद इब्राहिम रईसी" को संबोधित करते हुए कहा : मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं। कि आप इस देश के राष्ट्रपति चुने गए है।
उन्होंने इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.) के जन्म को एक चमत्कार के रूप में वर्णित किया और कहा: इस शुभ अवसर पर, मुझे अल्लाह के पैगंबर (स.अ.व.) के शब्दों का उल्लेख करना चाहिए। जिन्होंने अपने साथियों के बीच कहा मन कुंतो मौला फ़ाहाज़ा अलीयुन मौला और कहा: "इन्नी तारेकुन फ़ी कुमुस्सक़लैन मा इन तमस्सकतुम बेहिमा लन तज़िल्लू किताबुल्लाहे वा इतरती अहलाबैती वा इन्नाहोमा लन तफ़तरेक़ा हत्ता यरेदा अलय्यल हौज़" मै तुम्हारे बीच अल्लाह की किताब और अपनी इतरत अहलेबैत की शक्ल मे दो कीमती चीजें छोड़ रहा हूं। तुम में से जो कोई भी उनसे लिपटा रहेगा वह मेरे बाद कभी नहीं भटकेगा। और दोनों कभी अलग नहीं होंगे, यहां तक कि कौसर पर मेरे पास आए।"
अपनी टिप्पणी के दौरान, इस मुस्लिम विचारक ने इस्लाम के पैगंबर से संबंधित पवित्र कुरान की आयतों का हवाला देते हुए कहा: ईश्वर सर्वशक्तिमान ने पवित्र कुरान में इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.) के बारे में कहा है: «لَقَدْ جَاءَكُمْ رَسُولٌ مِنْ أَنْفُسِكُمْ عَزِيزٌ عَلَيْهِ مَا عَنِتُّمْ حَرِيصٌ عَلَيْكُمْ بِالْمُؤْمِنِينَ رَءُوفٌ رَحِيمٌ» तुम्हारे पास एत ऐसा रसूल आ गया है जोकि तुम ही मे से है और और जिस पर तुम्हारा जहमत मे पड़ना शाक है तुम्हारी भलाई का लालची है और ईमान वालो के साथ बड़ी उदारता और कृपा करने वाला है।
उन्होंने कहा: इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.) सभी दुनिया के लिए रहमत है। सूरह अल-अराफ की आयत संख्या 158 जिसमें यह कहा गया है: "«قُلْ يَا أَيُّهَا النَّاسُ إِنِّي رَسُولُ اللَّهِ إِلَيْكُمْ جَمِيعًا» हे पैगंबर लोगो से कहो मे तुम्हारी ओर अल्लाह की तरफ से भेजा गया रसूल हूं।
भारत के इमाम अहमद इब्न इरफ़ान विश्वविद्यालय के संरक्षक सैय्यद सलमान हुसैनी नदवी ने सूरह फ़त्ह की आयत न. 29 का हवाला देते हुए कहा: «محمَّدٌ رَسُولُ اللَّهِ وَالَّذِينَ مَعَهُ أَشِدَّاءُ عَلَى الْكُفَّارِ رُحَمَاءُ بَيْنَهُمْ» मोहम्मद अल्लाह के दूत है और जो लोग उनके साथ है वो अविश्वासियों पर कठोर हैं और एक दूसरे के प्रति दयालु हैं।
अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा: वह दिन आएगा जब इस्लामी देशों का नेतृत्व ईरान के हाथों में होगा।