۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
समाचार कोड: 379197
3 अप्रैल 2022 - 13:43
دعا

हौज़ा/माहे रमज़ानुल मुबारक में इमाम अली इब्नुल हुसैन (ज़ैनुल आबिदीन अलैहिस्सलाम) ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं:

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,माहे रमज़ानुल मुबारक में इमाम अली इब्नुल हुसैन (ज़ैनुल आबिदीन अलैहिस्सलाम) ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं:
या मफ़ ज़ई इन्दा क़ुर बती व या ग़ौसी इन्दा शिद्दती, इलैका फ़ज़ेअतु व बिकस त ग़सतु व बिका लुज़ तु, ला अलूज़ु बि सिवाका व ला अतलुबुल फ़रज, इल्ला मिनका फ़ अग़िसनी व फ़र्रिज अन्नी या मन यक़बलुल यसीर व यअफ़ू अनिल कसीर इक़बल मिन्नील यसीर वअफ़ु अन्नील कसीर इन्नका अन्तल ग़फ़ूरू रहिम, अल्लाह हुम्मा इन्नी अस अलुका ईमानन तुबाशिरु बिहि क़ल्बी व यक़ीनन हत्ता आलमा अन्नहु लन युसीबनी इल्ला मा कतब ता ली व रज़्ज़ीनी मिनल ऐशि बिमा क़समता ली या अरहमर्राहिमीन, या उद्दती फ़ी कुरबती व या साहिबी फ़ी शिद्दती व या वलिय्यी फ़ी नेअमती व‌ या ग़ायती फ़ी रग़ बती अन्ता स्सातिरु औरती वल आमिनु रौअती वल मुक़ीलु अस रती, फ़ग़ फ़िरली ख़तीअती, या अरहमर्राहिमीन... (इक़बालुल आमाल, पेज 345, सैय्यद इब्ने ताऊस)
ऐ तकलीफ़ के वक़्त मुझे पनाह देने वाले, ऐ कठिन घड़ी में मेरी फ़रियाद सुनने वाले, मैं तेरी ही पनाह में हूं और तुझसे ही फ़रियाद की है, तुझसे ही लौ लगाता हूं, तेरे अलावा किसी से लौ नहीं लगाता और ना तेरे अलावा किसी से ख़ुशहाली का सवाली हूँ। तो अब तू मेरी फ़रियाद को सुनले और मेरी तकलीफ़ को दूर कर दे। ऐ वह! जो थोड़ी सी नेकी को भी क़ुबूल कर लेता है और बहुत ज़ियादा गुनाह माफ़ कर देता है, तू ही बड़ा बख़्शने वाला और महरबानी करने वाला है। ऐ अल्लाह! मैं तुझसे ऐसा ईमान चाहता हूं कि जो मेरे दिल में जगह बना ले और ऐसा सच्चा यक़ीन दे दे कि मैं यह जान लूं कि जो कुछ भी तूने मेरे लिए लिख दिया है उसके अलावा मुझे कुछ नहीं मिल सकता और मुझ को ऐसी ज़िन्दगी पर राज़ी कर दे जो तूने मेरे लिए मोअय्यन कर दी है। ऐ सबसे ज़ियादा रहम करने वाले! ऐ तकलीफ़ के वक़्त मेरी पूँजी, सख़्ती में हमदम, ऐ मुझे नेअमत देने वाले और मेरी तवज्जोह के मरकज़! तू ही मेरे ऐबों को छुपाने वाला है और डर व दहशत के माहौल में इत्मीनान देने वाला है। मेरी लग़ज़िश व ग़लती को बख़्श दे। ऐ रहम करने वालों में सबसे ज़ियादा रहम करने वाले।

अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम.

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .