۵ آذر ۱۴۰۳ |۲۳ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 25, 2024
बिल्गेट्स

हौज़ा / कोरोना महामारी से पहले भी भारतीय वैक्सीनों ने दुनियाभर में मेनिन्जाइटिस, न्युमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों से लाखों लोगों को बचाया है। गेट्स ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके फाउंडेशन ने भारत सरकार और सीरम इंस्टिट्यूट, भारत बायोटेक जैसे भारतीय मैन्युफैक्चरर्स के साथ मिलकर इन सुरक्षित और किफायती वैक्सीनों को पूरे भारत और कम व मध्यम-आय वाले देशों तक पहुंचाने में मदद की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के को-चेयरमैन बिल गेट्स ने कोरोना के खिलाफ भारत की जंग को सलाम किया है। भारत में वैक्सीनेशन अभियान के तेजी से 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार करने को बहुत बड़ी उपलब्धि करार देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के बाकी देशों को इंडिया के अनुभवों से सीख लेनी चाहिए। बिल गेट्स इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के कायल दिख रहे हैं, वहीं कोविन प्लेटफॉर्म पर भी फिदा हैं। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को लिखे लेख में भारत के वैक्सीनेशन अभियान की दिल खोलकर तारीफ की है। उन्होंने लिखा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि उनका फाउंडेशन भारत सरकार और सीरम जैसे वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है।

बिल गेट्स भारत में वैक्सीनेशन के 100 करोड़ डोज के आंकड़े को पार करने से चमत्कृत हैं। उन्होंने लिखा, ‘यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे तेज टीकाकरण अभियान है। अनुमान बताते हैं कि भारत की 75 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। 31 प्रतिशत वयस्कों को दोनों डोज लग चुकी हैं, जिनमें 48 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह प्रगति सिर्फ भारत के लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए अहम है।’ उन्होंने कहा कि भारत के विशाल आकार और विशाल आबादी को देखते हुए यह उपलब्धि और बड़ी हो जाती है। गेट्स ने कहा कि दुनिया के बाकी देश भी भारत के अनुभवों से सीख सकते हैं।
बिल गेट्स ने लिखा है कि भारत बड़े पैमाने पर कई टीकाकरण अभियानों को कामयाबी से अंजाम दे चुका है। उसकी इस विशेषज्ञता का भी उसे लाभ मिला। उन्होंने लिखा कि भारत का यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम दुनिया के सबसे बड़े हेल्थ प्रोग्राम्स में से एक है। भारत हर साल 2.7 करोड़ नवजातों को जरूरी वैक्सीनों का प्राइमरी डोज लगाता है। हर साल 1 से 5 साल उम्र के 10 करोड़ बच्चों को बूस्टर डोज लगाता आया है। उसके पास करीब 27 हजार कोल्ड चेन की विशाल श्रृंखला है। 23 लाख आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विशाल फौज है, जिन्होंने लाखों डॉक्टरों और नर्सों से प्रशिक्षण लिया है। कोरोना टीकाकरण अभियान में भारत को इस अनुभव और इन्फ्रास्ट्रक्चर का फायदा मिल रहा है।

बिल गेट्स ने कहा कि वैक्सीन निर्माण में भारत की महारत भी उसके काम आई है। कोरोना महामारी से पहले भी भारतीय वैक्सीनों ने दुनियाभर में मेनिन्जाइटिस, न्युमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों से लाखों लोगों को बचाया है। गेट्स ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके फाउंडेशन ने भारत सरकार और सीरम इंस्टिट्यूट, भारत बायोटेक और BioE जैसे भारतीय मैन्युफैक्चरर्स के साथ मिलकर इन सुरक्षित और किफायती वैक्सीनों को पूरे भारत और कम व मध्यम-आय वाले देशों तक पहुंचाने में मदद की है।

बिल गेट्स कोविन प्लेटफॉर्म की शान में भी जमकर कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना से लड़ने में अपनी आईटी शक्ति का बखूबी इस्तेमाल किया है। कोविन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इससे वैक्सीन का अपॉइंटमेंट शेड्युलिंग हो रहा है। डिजिटल वैक्सीन सर्टिफिकेट बन रहा है जिसे कभी भी वेरिफाई किया जा सकता है। इसके अलावा इसके जरिए वैक्सीन ट्रेंड्स और दोबारा संक्रमित होने के मामलों का भी विश्लेषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म में यह क्षमता है कि भारत के पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम्स में सुधार कर सके। इससे दुनिया के बाकी देशों को भी अपने यहां पब्लिक हेल्थ इनिशिएटिव को कामयाबी से लागू करने में मदद मिल सकती है।

बिल गेट्स ने भारत के शानदार कोरोना टीकाकरण अभियान की कामयाबी का श्रेय लोगों की सहभागिता को भी दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी हेल्थ प्रोग्राम का सबसे महत्वपूर्ण घटक पीपल्स पार्टिसिपेशन होता है। केंद्र और राज्य सरकारों ने पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम से मिले अनुभवों का बढ़िया इस्तेमाल किया। बड़े पैमाने पर जन जागरुकता अभियान, वैक्सीन फेस्टविल जैसे पहलों से पीपल्स पार्टिसिपेशन सुनिश्चित हुआ।

100 करोड़ डोज के वैक्सीनेशन को बड़ी उपलब्धि करार देते हुए उन्होंने इसका सबसे बड़ा श्रेय राजनीतिक इच्छाशक्ति खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया है। गेट्स ने लिखा कि 31 दिसंबर 2021 तक सभी पात्र भारतीय वयस्कों को वैक्सीनेट करने के पीएम मोदी के विजन पर राज्य और जिला स्तर से शानदार प्रतिक्रिया मिली। वैक्सीन से जुड़े रिसर्च और विकास, मैन्यूफैक्चरिंग और देशभर में सबसे ज्यादा जोखिम वाले वयस्कों तक वैक्सीन को चरणबद्ध ढंग से पहुंचाने के रोडमैप के लिए 2020 में हाई पावर्ड कमेटी बनाई गई।

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