۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अज़ा

हौज़ा/हरिद्वार के मंगलौर कस्बे में ईरान के विश्व विख्यात सैन्य जनरल और आई एसआई एस जैसे क्रूर आतंकी संगठन के वजूद से सीरिया और इराक को बचा कर दुनिया को इस आतंकी खतरे से बचाने वाले क़ासिम सुलैमानी और उनके साथियों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिंदुस्तान,हरिद्वार के मंगलौर कस्बे में ईरान के विश्व विख्यात सैन्य जनरल और आई एसआई एस जैसे क्रूर आतंकी संगठन के वजूद से सीरिया और इराक को बचा कर दुनिया को इस आतंकी खतरे से बचाने वाले क़ासिम सुलैमानी और उनके साथियों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई।

याद रहे कि मेजर जनरल क़ासिम सुलैमानी ईरान की क़ुद्स ब्रिगेड के प्रमुख थे। मेजर जनरल क़ासिम सुलैमानी का हिंदुस्तान से एक खास संबन्ध था तथा वह भारत को लेकर बहुत आशावान थे ।

जब चीन भारत को चारों ओर से दबाव में लेने की नीतियों पर चल रहा था यह क़ासिम सुलैमानी ही थे जिन्होंने भारत का पक्ष लेते हुए चाहबहार जैसी परियोजना में भारत की भागीदारी सुनिश्चित की और खुलकर भारत का समर्थन किया।

इराक के अहम हिस्सों पर कब्ज़ा करते हुए जब आतंकी संगठन आईएसआईएस ने तिकरित में 40 भारतीय नर्सों को बंदी बनाया तो क़ासिम सुलैमानी ही थे जिन्होंने अपने जवानों के साथ मिलकर भारतीय नर्सों को आतंकियों के क़ब्ज़े से मुक्त कराया था ।

नगर के मोहल्ला हल्का स्थित दरबारे हुसैनी छोटा इमाम बारगाह में सरदार क़ासिम सुलैमानी, अबु महदी मोहंदिस और उनके साथियों की याद में आयोजित कार्यक्रम कई वक्ताओं ने शहीदों को श्रद्दांजलि दी वहीं मौलाना ज़फर अब्बास ने सभा को संबोधित किया और शहीद क़ासिम सुलैमानी की ज़िंदगी और उनके द्वारा की गई मानवता की खिदमत का उल्लेख किया।

हुसैनी यूथ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आयोजन में मिक़दाद, काज़िम अली, शाजान महदी, मौलाना नूर आलम, मुस्तफा हुसैन, मीसम, शबाब, सादिक़,
आदि मुख्य रूप से शामिल थे ।

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