हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,पिछले साल बैतुल मुक़द्दस में शेख़ जर्राह मुहल्ले की घटनाओं के दौरान कुछ अरब देशों की तरफ़ से फ़िलिस्तीनी अवाम का समर्थन तो कुछ यूरोपीय देशों जितना भी नहीं था, उन्होंने सिरे से कोई स्टैंड ही नहीं लिया और आज भी उसी अंदाज़ में काम कर रहे हैं।
आज भी फिलिस्तीनीयों को मदद की ज़रूरत हैं,वह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनके समर्थन में और उनकी मदद के लिए मुस्लिम देश हाथ बढ़ाएंगे मगर दिन-ब-दिन ना उम्मीद उनके हाथ लग लगती जा रही हैं।
इमाम ख़ामेनेई,
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