۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
مولانا سید قمر عباس قنبر نقوی

हौज़ा/ वाज़ीन और विचारक बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी का कहना था, कि यह सब को याद रखना चाहिए कि सिर्फ सुन्नी घर में पैदा होने वाला सुन्नी और शिया घर में पैदा होने वाला शिया नहीं हो सकता लेकिन चरित्र एक मानक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , नई दिल्ली / भारतीय मुसलमानों में सबसे नीच व्यक्ति वसीम मालून ने अपनी पुस्तक में मानवता की सबसे महत्वपूर्ण और गुणी जाति, विश्वास और न्याय की मूर्तियाँ,अमन व मोहब्बत पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.ल.व.व. शान में तौहीन कि हैं।
और जो पवित्र पैगंबर का अपमान करता है वह एक मलउन और अत्यधिक अलोकप्रिय व्यक्ति है,
हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं,उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग है कि इस देशद्रोही और शांति के दुश्मन को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दी जाए।
  वाज़ीन और विचारक बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी अलहज सैय्यद कमर अब्बास नक़वी सिरसावी ने अपने बयान में व्यक्त किया आपने मुसलमानों से अपील की वह वसीम मलऊन से किसी किस्म के मामलात ना रखें,और जब वह मर जाए, तो उसे मुसलमानों की कब्रगाह में न दफ़नाने दें।इमामों से अनुरोध है कि इस धर्मत्यागी के लिए अंतिम संस्कार की नमाज़ न अदा करें।
अलहज सैय्यद कमर अब्बास नक़वी सिरसावी ने आगे कहा कि वसीम मलऊन ना शिया प्रतिनिधि नहीं है। यह मलऊन दीने इस्लाम का खुला हुआ दुश्मन है,जैसे सलमान रुश्दी, तारिक फतेह और तसलीमा नसरीन का सुन्नी मुसलमानों और विद्वानों से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि यह सब को याद रखना चाहिए कि सिर्फ सुन्नी घर में पैदा होने वाला सुन्नी
और शिया घर में पैदा होने वाला शिया नहीं हो सकता लेकिन चरित्र एक मानक है।

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