۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
طالبان

हौज़ा/शिया उलेमा काउंसिल अफगानिस्तान के एक प्रतिनिधिमंडल ने अब्दुल सलाम हनाफी से मुलाकात कि और अफगानिस्तान की नई सरकार शियों की हिफाज़त की मांग की गई

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , शिया उलेमा काउंसिल अफगानिस्तान के एक प्रतिनिधिमंडल
ने तालिबान के उप-प्रधानमंत्री के साथ बैठक में सियासती सम्बन्ध बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए अफगानिस्तान की इस्लामी प्रणाली में शियाओं के संरक्षण की बात कही हैं।
शिया उलेमा परिषद के प्रतिनिधिमंडल में उस्ताद मुहम्मद अकबरी, सैय्यद हुसैन आलमी मेहरब अली शामिल थे।
इस बैठक में देश की राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक स्थिति पर चर्चा की गई।

उस्ताद अकबरी ने बैठक में कहा कि हमें खुशी है कि हमारा देश एक कठिन दौर से गुज़र कर रिहा हुआ है और आज हमारा देश इस्लामी कल्चर को अपनाए हुए हैं,
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का शिया उलेमा इस्लामी अमीरात के साथ खड़ा है और देश में स्थिरता और आपसी विश्वास के लिए प्रयास कर रहा है।


अफगानिस्तान के नेता आलमी बाल्खी, शिया उलेमा काउंसिल ने भी बैठक में कहा कि अफगानिस्तान और कोई युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकता, हमें सावधानी और धैर्य दिखाना चाहिए। और तमाम लोगों के साथ सूझबूझ से काम लेने की जरूरत है।
बैठक के अंत में तालिबान के उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने आश्वासन दिया कि "इस्लामिक अमीरात" के आगमन के साथ शांति और सुरक्षा के चिंताओं को सुलझाया गया है और दंगों का सफाया कर दिया गया है।


उन्होंने आगे कहा कि इमारत ए इस्लामी तमाम अफ़गानों का घर है, इस्लाम सब का सम्मान करता है और सब की हिफाजत की जिम्मेदारी लेता है हम अपना कर्तव्य समझकर इस मुल्क की मदद करें और हर चीज़ में अपना सहयोग दें!

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