हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिंदुस्तान के मशहूर आलमें दीन हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना डॉक्टर जुल्फिकार हुसैन हौज़ाये इल्मिया कुम ईरान में शिक्षा हासिल करते हुए उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि,
जब कोई व्यक्ति अपना पूर्ण धैर्य भूल जाता है और वीर्य-पूर्ति उसके शरीर से दूषित हो जाती है तो आत्मा अदूषित विचारों का स्रोत बन जाती है।
तो शैतान उसको अपना नुमाइंदा बना लेता है, और वह बेमौसम उल्टे सीधे काम करना शुरू कर देता है, उसकी जबान ज़हर से भरी और उसके जिस्म के अंग गलत गलत काम करना शुरू कर देते हैं, और वह ज़हरीले सांप की तरफ इधर-उधर ज़हर उगलने लगता है, और उस पागल कुत्ते के जैसा हो जाता है जिस को पकड़कर सिर्फ कैद में बंद करके या मार देने में ही भलाई है, इसी तरह जंगली सूअर होते जो खाते कम है और खेत को नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं,
ऐसा मनुष्य एक जानवर के जैसा है वह वसीम रूश्दी है, मैंने कुरान शरीफ की एक आयत को उसके लायक समझा है,ज़नीम, बदनूमा दाग और धब्बे जैसा यह शख्स है, ऐसे प्राणी को खुदा ने अलग-अलग तरीके से नाम से बुलाया है, यह मनुष्य दौरे हाज़िर का अबू जहल वसीम मुर्तद,है, इसने पहले कुरान शरीफ की 26 आयतों को गलत बताया और फिर रसूले अकरम की बेहुरमति की ऐसे मनुष्य को संसार में रहने का कोई अधिकार नहीं है,
हम भारत सरकार से यह हमारी मांग है, वसीम मलउन को सख्त से सख्त सजा दें, अगर ना हो तो मुसलमान उसे सज़ा देने को तैयार है।