۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
رہبر

हौज़ा/विस्तारवादी ताक़तों की साफ़्ट जंग का एक पहलू यह होता है कि वह राष्ट्रों को उनकी क्षमता से ग़ाफ़िल रखें। या उनकी इतनी दुर्गत कर दें कि वे ख़ुद ही अपनी क्षमताओं को नकारने लगें। जब किसी राष्ट्र पर अपनी क्षमताओं के बारे में ग़फ़लत छा जाती है तो उसको लूटना आसान हो जाता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई विस्तारवादी ताक़तों की साफ़्ट जंग का एक पहलू यह होता है कि वह राष्ट्रों को उनकी क्षमता से ग़ाफ़िल रखें। या उनकी इतनी दुर्गत कर दें कि वे ख़ुद ही अपनी क्षमताओं को नकारने लगें। जब किसी राष्ट्र पर अपनी क्षमताओं के बारे में ग़फ़लत छा जाती है तो उसको लूटना आसान हो जाता है।


अफ़्रीक़ा में महान सभत्यताएं थीं जो अपनी क्षमताओं के बारे में ग़फ़लत बरतने की वजह से इस साफ़्ट वार की भेंट चढ़ गईं जो विस्तारवादी ताक़तों ने उन पर थोपीं। जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब में भारत के बारे में इसी चीज़ का उल्लेख किया है।

वैज्ञानिक तरक़्क़ी की हमारी रफ़तार ऐसी होनी चाहिए कि तक़रीबन पचास साल के अंदर ईरान दुनिया में विज्ञान का सेंटर बन जाए और लोगों को आधुनिक विज्ञान के लिए फ़ारसी सीखने की ज़रूरत पड़े। दुनिया में किसी ज़माने में यही स्थिति थी जो दोबारा भी बन सकती है।

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