हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ /हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना बेदार हुसैन के स्वर्गवास पर मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के कार्यालय में शोक सभा आयोजित का आयोजन किया गया जिसमें दिवंगत मौलाना की सेवाओ और गुणो को याद किया गया। अहमद ज़ैन पुरी, आदिल फ़राज़ नकवी, एजाज हैदर और कार्यालय के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने मौलाना सैयद बेदार हुसैन साहिब के निधन पर शोक संदेश भेजते हुए कहा कि निश्चित रूप से मौलाना बेदार हुसैन साहब का निधन ज्ञान की दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है जिसको पूरा नही किया जा सकता। वह अपने ज्ञान और साहित्य, अच्छे शिष्टाचार, शिक्षण क्षमताओं और न्यायशास्त्र के लिए जाने जाते थे। एक समय के लिए, वे प्रसिद्ध मदरसा सुल्तानुल मदारिस के प्रधानाध्यापक थे। इसके अलावा दूसरे मदरसो और संस्थाओ से भी जुड़े रहे। उनके सैकड़ो शिष्क्षय दुनिया भर में फैले हुए हैं, जो राष्ट्र की सेवा और मोहम्मद वा आले मोहम्मद के ज्ञान का प्रसार मे वयस्थ है। उनके निधन पर दुनिया शोक मना रही है।
मौलाना निसार अहमद ज़ैन पुरी ने कहा कि दिवंगत मौलाना में कई विशेषताएं थीं। उनके रिश्तेदार और छात्र उनके गुणों से अच्छी तरह जानते हैं। वह बिना किसी भेदभाव के सभी से प्यार करते थे और कभी किसी समूह के नहीं थे। उन्होंने पढ़ने और पढ़ाने को अपने जीवन के अंत तक अपनी शैली बनाए रखा।
आदिल फ़राज़ नकवी ने कहा कि हुज्जतुल इस्लाम मौलाना बेदार हुसैन साहब (ताबा सराह) हमारे प्यारे शिक्षक थे। अरबी साहित्य और न्यायशास्त्र के मुद्दों पर उनकी गहरी नज़र थी।
हम, मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के सदस्य, दिवंगत हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद बेदार हुसैन साहब के परिवार, मदरसा सुल्तानु मदरिस के शिक्षकों और छात्रों, उनके रिश्तेदारों और विश्वासियों की सेवा में अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। अल्लाह ताला स्वर्गीय मौलाना के दरजात को बुलंद करे और उन्हें इमामों के बीच एक उच्च स्थान प्रदान करें।