हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "तफसीरे इमाम हसन अस्करी (अ.स.)" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم:
مَنْ أَعَانَ ضَعِیفاً فِی بَدَنِهِ عَلَی أَمْرِهِ أَعَانَهُ اللَّهُ عَلَی أَمْرِهِ وَ نَصَبَ لَهُ فِی الْقِیَامَه مَلَائِکَه یُعِینُونَهُ عَلَی قَطْعِ تِلْکَ الْأَهْوَالِ وَ عُبُورِ تِلْکَ الْخَنَادِقِ مِنَ النَّارِ حَتَّی لَا یُصِیبَهُ مِنْ دُخَانِهَا وَ عَلَی سُمُومِهَا وَ عَلَی عُبُورِ الصِّرَاطِ إِلَی الْجَنَّه سَالِماً آمِناً
पैगंबरे अकरम (सल्लल्लाहु अलैहि व आलेही वसल्लम) ने फ़रमाया:
जो कोई विकलांग या शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति को उसके काम में मदद करता है, अल्लाह उसके काम में उसकी मदद करेगा और पुनरुत्थान के दिन उसके डर को दूर करने के लिए फ़रिश्ते नियुक्त करेगा, जो उसके भय पर का़बू पाए आग के गढ़ढो को पार करने मे यहा तक कि उसका धुआँ भी उसे नहीं छूएगा, और हम उसकी मदद करेंगे इसके (नरक) भयावहता से बचने के लिए और इसे सीधे पार करने और जन्नत में प्रवेश करने के लिए।
तफसीरे इमाम हसन अस्करी (अ.स.), खंड 1, पृष्ठ 2