۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम रज़ा (अ.स.) ने एक रिवायत में शाबान के महीने में इस्तगफ़ार की फ़जीलत की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "अमाली शेख सदूक़" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الرضا علیه السلام:

مَنْ قَالَ فِی کلِّ یوْمٍ مِنْ شَعبانَ سَبْعِینَ مَرَّةً: «اَسْتَغْفِرُ اللهَ وَ اَسْألُهُ التَّوْبَةَ» کتَبَ اللهُ لَهُ بَرَاءَةً مِنَ النَّارِ وَ جَوَازاً عَلَی الصَّرَاطِ وَ اَدْخَلَهُ دَارَ الْقَرارِ.

हज़रत इमाम रज़ा (अ.स.) ने फ़रमायाः

जो कोई शाबान के महीने के हर दिन में 70 बार "अस्तग़फ़ेरुल्लाहा वा असअलोहूत्तौबा" कहे दुनिया के खुदा वंदे आलम उसे आग से निजात और (पुल) सीरात को पार करने की अनुमति दे देता है और उसे स्वर्ग में ठहराता है जहां वह आराम और सकून से रहता है।

अमाली शेख सदूक़, पेज 628

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