۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.) ने एक रिवायत में शिया की तीन विशेषताओं की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत को "वसाइल अल-शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الباقر علیه السلام:

عنْ أَبِی عَلِیٍّ الْأَشْعَرِیِّ عَنْ مُحَمَّدِ بْنِ سَالِمٍ عَنْ أَحْمَدَ بْنِ النَّضْرِ عَنْ أَبِي إِسْمَاعِيلَ قَالَ: «قُلْتُ لِأَبِی جَعْفَرٍ (عَلَيْهِ‌السَّلاَمُ) جُعِلْتُ فِدَاکَ! إِنَّ الشِّيعَةَ عِنْدَنَا كَثِيرٌ.»

فَقَالَ (عَلَیهِ‌السَّلَامُ): «فَهَلْ يَعْطِفُ الْغَنِیُّ عَلَى الْفَقِيرِ وَ هَلْ يَتَجَاوَزُ الْمُحْسِنُ عَنِ الْمُسِیءِ وَ يَتَوَاسَوْنَ؟»

فَقُلْتُ: «لاَ.» فَقَالَ (عَلَیهِ‌السَّلَامُ): «لَيْسَ هَؤُلاَءِ شِيعَةً؛ اَلشِّيعَةُ، مَنْ يَفْعَلُ هَذَا.»

हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.) ने फ़रमायाः

हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) का एक सहाबी "अबू अली अश्अरी" नक़्ल करता है कि मैंने इमाम (अ.स.) से पूछा कि मौला हमारे पास शिया बहुत अधिक हैं।

तो इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.) ने फ़रमाया: "क्या (उनमें से एक) अमीर व्यक्ति गरीबों पर ध्यान देता है? और पुण्य का काम करने वाला व्यक्ति पापी को क्षमा करता है? क्या वो आपस मे एक दूसरे से हमदर्दी और मुवासात (बख़्शिश) से काम लेते है?

मैंने उत्तर दिया: नहीं। तो इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.) ने फ़रमाया, "तो वो शिया नहीं हैं; शिया वो हैं जो इन (चीजो) को करता हैं।"

वसाइल अल-शिया, भाग 9, पेज 328

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