۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
मौलाना फिरोज अली बनारसी

हौज़ा / मजलिस को संबोधित करते हुए जामिया इमामिया के अध्यापक और मासिक तंज़ीमुल मकातिब के संपादक ने कहा, जनाबे ज़हरा (स.अ.) जिन्होने छोटी सी आयु मे अपने छोटे जीवन में स्पष्ठ छाप छोड़ी है जो हर युग के मनुष्यो विशेष रूप से महिलाओ के लिए सर्वश्रेष्ठ रोल मॉडल है।

हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ / हजरत फातिमा जहरा की शहादत के मौके पर आज तीसरी और आखिरी मजलिस लखनऊ के गोला गंज में हुई।

मजलिस की शुरूआत मौलवी अता आबिद ने पवित्र कुरान के पाठ के साथ किया।

जामिया इमामिया के अध्यापक और मासिक तंज़ीमुल मकातिब के संपादक मौलाना फ़िरोज़ अली बनारसी ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य के भौतिक जीवन मे प्रकाश एक महत्वपूर्ण चीज है यदि नूर और प्रकाश ना हो तो ना तो प्राणी परवान चढ़ सकता है और ना ही घास फूस अपना जीवन की लीला जारी रख सकते है अंधकार मे मानव के जीवन का कारंवा कभी भी अपनी मंजिल तक कभी नही पहुँचता।

जिस प्रकार मनुष्य के भौतिक जीवन के लिए प्रकाश आवश्यक है, उसी प्रकार उसके आध्यात्मिक जीवन के लिए प्रकाश आवश्यक है।

मौलाना ने कहा कि ईश्वर ने मनुष्य की भौतिक और आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हर युग में ऐसे प्रबुद्ध नेता प्रदान किए हैं और फातिमा ज़हरा (स.अ.) उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने अपने छोटे जीवन में रोशन छाप छोड़ी है जो सबसे अच्छा उदाहरण हैं सभी उम्र के मनुष्यों के लिए विशेषकर महिलाओं के लिए।

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