हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार , सिरसी जिला संभल / दुनियाभर में अज़ाये फातमी का आयोजन किया जा रहा है आज भी पैगंबर की बेटी मज़लूम है और उसके लिए आपके सामने खुद जन्नतुल बकी उदाहरण है।
1400 साल पहले मदीना शहर में सब्र और विपरीत परिस्थितियो में दिखाया गया धैर्य और दृढ़ता और स्थिरता दुनिया के लिए अच्छा उदाहरण हैं।
मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी ने सिरसी सादात के पूर्वी मोहल्ले में आयोजित पांच दिवसीय मजलिस को संबोधित करते हुए आखिरी बयान में मौलाना ने कुरान मजीद की सूरह बकरा की आयत 155 पर प्रकाश डालेत हुए लोगों से यह कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा ने दुश्मनों की साजिशों को नाकाम कर दिया।
हज़रत फातेमा ने भूख की शिद्दत में भी सब्र से काम लिया,माल की कमी माल का लुट जाना या फिर माल की कुर्बानी में भी दुनिया के लिए आपकी सीरत बेहतरीन पैगाम है।
मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी ने हदीसे पैगंबर स.ल.व.व. को बयान करते हुए हदीस के संदर्भ में इस बात पर जोर दिया कि हर गुस्सा नकारात्मक नहीं होता लेकिन कभी-कभी क्रोध व्यक्त करना अनिवार्य होता है क्योंकि पवित्र धर्म की रक्षा के लिए क्रोध को उजागर किया जाना चाहिए।
अब जबकि हमारे देश की गंगा जुमानी सभ्यता को कुछ दुर्व्यवहारियों के नुकसान का खतरा है, वहीं प्रत्येक ईमानदार मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे लोगों से सावधान रहे ताकि घृणा का युग समाप्त हो सके।और हम इसी प्यार और शांति के साथ रह रहे हैं, जिसके लिए हमारी पूरी दुनिया में एक अलग पहचान है।
मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी ने कहां जन्नतुल बकी की वीरानी पर चिंता जताते हुए कहा कि इंटरनेशनल संगठनों से अपील है कि आले सऊद अगर इसकी आबाद कारी नहीं करते तो हम को आबाद करने का अवसर दें!
मौलाना ने मजलिस के अंत में मोमनिन के लिए दुआ की और आखरी मजलिस में बड़ी संख्या में मोमिनीन ने शिरकत की इस मजलिस में शिया और सुन्नी विद्वान भी मौजूद रहे।