हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,
तीन महीने यानी रजब, शाबान और रमज़ान पूरे साल में आत्म निर्माण के अवसर और ज़िंदगी व तक़दीर के बड़े सफ़र के लिए ज़रूरी सामान और ऊर्जा हासिल करने के महीने हैं।
इमाम ख़ामेनेई ,13 जनवरी 1993