۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
रहबर

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,हमारे रास्ते में फिसलने के बहुत से मौक़े आते हैं। ख़ास तौर पर सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाले लोगों के लिए। इसलिए उनको आत्म निर्माण की और भी ज़रूरत है। उनकी रूहानी और मनोवैज्ञानिक बुनियादें बहुत मज़बूत होनी चाहिएं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,आप प्यारे नौजवानों के लिए मेरी सिफ़ारिश है आत्म निर्माण। ख़ुद साज़ी बहुत अहम है। व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों सतह पर। एक व्यक्ति के रूप में भी आप ख़ुद साज़ी कीजिए, एक वर्ग और समाज के रूप में भी आत्म निर्माण कीजिए। इससे आपको यह मदद मिलेगी कि जोखिम भरे रास्तों से भी आप हिफ़ाज़त के साथ गुज़र जाएंगे।


हमारे रास्ते में फिसलने के बहुत से मौक़े आते हैं। ख़ास तौर पर सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाले लोगों के लिए। इसलिए उनको आत्म निर्माण की और भी ज़रूरत है। उनकी रूहानी और मनोवैज्ञानिक बुनियादें बहुत मज़बूत होनी चाहिएं।

इमाम ख़ामेनेई,

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