हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "अलख़िसाल" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامیرالمومنین علیه السلام:
صَومُ شَعبانَ يَذهَبُ بِوَسواسِ الصَّدرِ وَ بَلابِلِ القَلبِ
हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने फ़रमायाः
शाबान का व्रत दिल के वसवसे और आत्मा की परेशानी को दूर करता है।
अलख़िसाल, पेज 612