हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम खुमैनी मेमोरियल ट्रस्ट कारगिल (लद्दाख) ने 12 मार्च को कतीफ के 81 निहत्थे नागरिकों को फांसी देने के सऊदी अत्याचारी सरकार के क्रूर कदम पर नाराजगी व्यक्त की है। इसकी कड़ी निंदा की है। फांसी की सजा पाने वालो में 41 शिया युवक भी शामिल हैं।
महासचिव कार्यालय द्वारा जारी एक निंदनीय बयान में कहा गया है कि आले सऊद ने अपने यहूदी आकाओं के इशारे पर सच्चाई और सच्चाई पसंद लोगों के खिलाफ अपनी क्रूर कार्रवाई जारी रखी है, जिससे उनके झूठे आकाओं के लिए घृणित चेहरे सामने आए हैं। बयान में कहा गया है कि सरकार के अपने अपराधों को छिपाने के लिए ही इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
बयान में इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों, विशेष रूप से इस्लामी देशों की चुप्पी की निंदा की गई और इस तरह की चुप्पी को अपराध कहा गया।
इमाम खुमैनी मेमोरियल ट्रस्ट कारगिल ने निर्दोष रक्त के अन्याय पर शोक व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।
इस संबंध में संगठन ने भारत सरकार से सऊदी सरकार के इस जघन्य कृत्य के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने और पूरे इस्लामी जगत की निंदा करने की अपील की है।