हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उलेमा-ए-खुतबा एसोसिएशन हैदराबाद डेक्कन के संरक्षक हुज्जतुल इस्लाम मौलाना अली हैदर फरिश्ता ने सऊदी सरकार की बर्बरता के खिलाफ अपना बयान जारी करते हुए कहा कि शिया राष्ट्र पर पिछले कुछ समय से अन्यायपूर्ण अत्याचार हुआ है। हिंसा की खबर पढ़कर दिल खून के आंसू रो रहा है। दिमाग पर दुख का बोझ बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जुमे की नमाज के दौरान हाल ही में शिया मस्जिदों और इमामबाड़ों में हुए बम विस्फोटों के शहीदों की आंखों में आंसू नहीं रुके और घायल नमाजीयो के घाव अभी तक ठीक नहीं हुए हैं। सऊदी अरब में आले सऊद ने एक ही दिन में 81 लोगों का सिर कलम कर दिया, जिसमें 41 अधिक निर्दोष शिया विश्वासी शामिल थे। इनमें 13 वर्ष का अब्दुल्लाह अल-ज़हीर नाम का एक शिया बच्चा भी शामिल है। इस तरह आले सऊद के अत्याचारी शासन ने एक बार फिर दमन और अन्याय की हद कर दी।
मौलाना अली हैदर फरिशता ने आगे कहा कि सितम बाला ए सितम यह है कि आले सऊद की सरकार जो खुद आतंकवाद और नरसंहार और उत्पीड़न पर आधारित है और आतंकवाद की रीढ़ है, वह निर्दोष और उत्पीड़ित शिया विद्वानो और जनता पर आतंकवाद के झूठे और निराधार आरोप लगाकर वह अपने अशुद्ध हाथों को निर्दोष लोगों के अन्यायपूर्ण खून से रंग रहा है। यह तो ऐसी ही बात हुई कि अपनी करतूतो पर लज्जित होने के बजाए टोकने वालो को आखे दिखाना।
उलेमा-ए-खुतबा एसोसिएशन हैदराबाद डेक्कन के संरक्षक ने कहा कि हैदराबाद स्थित उलेमा-ए-खताबा सऊदी अरब में एक ही दिन में दर्जनों निर्दोष शिया विश्वासियों की क्रूर शहादत की कड़ी निंदा करता है। हम मानवाधिकार संगठनों से सऊदी अरब, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शियाओं के नरसंहार को रोकने के लिए आह्वान करते हैं।
अंत में उन्होंने अहलेबैत के सभी घायलो के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की और शहीदो के लिए अपनी संवेदना व्यक्त की।