हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " इकबालुल आमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الصادق علیه السلام
ما أفضَلُ ما يُفعَلُ فيهِ (شَعبانَ)، الصَّدَقَةُ و الإستِغفارُ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) ने फ़रमाया:
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) से किसी ने पूछा कि माहे शाबान में अफज़ल अमल कौन सा हैं? तो इमाम जाफर सादिक (अ.स.) ने फ़रमाया: सदका देना और इस्तेगफार करना।
इकबालुल आमाल,भाग 3,पेंज 294