हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मोसादेकतुल इख्वान" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیہ السلام
ثَلاثةٌ مِنْ أفْضَلِ الاَعْمالِ: شِبْعـَةُ جُوْعـَةِ المُسْلِمِ وَ تَنْفيسُ كُرْبَتِهِ وَ تَكْسُو عَوْرَتَهُـَةُ جُوْعـَةِ المُسْلِمِ وَ تَنْفيسُ كُرْبَتِهِ وَ تَكْسُو عَوْرَتَهُـَةِ المُسْلِمِ وَ تَنْفيسُ كُرْبَتِهِ وَ تَكْسُو عَوْرَتَهُ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स.ने फ़रमाया:
तीन आमाल अफज़ल आमाल में से हैं: भूखे मुसलमान को पेट भर खाना खिलाना, मुसलमान के ग़म को दूर करना, और इसकी बुनाई और ऐब को छुपाना।
मोसादेकतुल इख्वान,पेंज 44
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