हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,प्रमुख धार्मिक विद्वान अल्लामा सैय्यद जवाद मुसावी ने कहा: की हुकूमते वक्त सुनले जिन्होंने हमारे बच्चों को उठाया है हम अमन पसंद कौन हैं, इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि हम कमज़ोर कौम हैं। तुमने अभी अली के शेरों को बिफरते हुए नहीं देखा अली के शेर है,
उन्होंने कहा कि हम एक मोहज़्जाब कौम हैं। हम इमाम जाफ़र सादिक (अ.स.) की कौम हैं जिन्होंने हमें शिक्षा और सभ्यता सिखाई हैं।हम उन ताकत के अध्यक्ष को कहते हैं,मकतबे शिया की इस बेचैनियों को खत्म करते हुए,बंदियों को रिहा नहीं किया तो संसद की ओर आशूरा के जुलूसों की तरह जुलूस निकालेंगे। और पार्लीयामेंंट का घेराव करेंगे।
याद रखिए पुराने ज़माने में बनी अब्बास और बनी ऊमैय्या वाले भी ऐसी हरकतें करते थे। एजेंसिया सुनें ले, हम इन रणनीति से डरने वाले नहीं हैं, हम झुकने वाले नही हैं, यह साबित करें कि एक भी शिया आज तक बम धमाका किया हो, हम बेहतरीन कौम हैं हमारा नज़रिया बेहतरीन है, हमारे ओलमा बेहतरीन है, क्यों हमारे पीछे पड़े हो, आइए हम दलील के साथ बात करें।
उन्होंने जोर देकर कहा: कि हमारे नौजवान अली अकबर की सीरत पर चल रहे हैं, हमें मौत और गिरफ्तारीयो से मत डराओ अगर अली अकबर तीस हज़ार के लश्कर के सामने सीना सिपर हो सकते हैं,
इसलिए उनके अनुयायी भी उनके नक्शेकदम पर चल रहे हैं, इसलिए सरकार को इन लापता व्यक्तियों को रिहा करना चाहिए और उन्हें अदालतों के सामने लाना चाहिए। अगर इन पर कोई जुर्म साबित हो जाए तो अदालतों का काम है इनको सज़ा दे, किसी को हक़ नहीं कि बगैर खबर के किसी पाकिस्तानी शहरी को इस तरह अपहरण किया जाए, सरकार जल्द से जल्द इन जवानों को ढूंढे और उनके परिवारों को शांति दे।
समाचार कोड: 367511
11 अप्रैल 2021 - 23:06
हौज़ा/हम एक मोहज़्जाब कौम हैं। हम इमाम जाफ़र सादिक (अ.स.) की कौम हैं जिन्होंने हमें शिक्षा और सभ्यता सिखाई हैं। हम उन ताकत के अध्यक्ष को कहते हैं,मकतबे शिया की इस बेचैनियों को खत्म करते हुए,बंदियों को रिहा नहीं किया तो संसद की ओर आशूरा के जुलूसों की तरह जुलूस निकालेंगे।