हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه و آله و سلم
مَثَلُ عَلِیٍّ فِیکُم ـ فِی هذِهِ الأُمَّةِ ـ کَمَثَلِ الْکَعْبَةِ الْمَسْتُورَةِ، النَّظَرُ اِلَیها عِبادَةٌ وَالْحَجُّ اِلَیها فَرِیضَة
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
हज़रत अली अ.स. की मिसाल तुम्हारे दरमियां उस छुपे हुए काबे के मानिंद हैं, कि जिस की तरफ देखना ईबादत और जिसका हज फारीज़ा और तकलीफे शरई हैं।