गुरुवार 7 अप्रैल 2022 - 21:38
माहे रमज़न तौबा और इस्तेग़फार का महीना हैं।

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,रमज़ान तौबा और इनाबा का महीना है, माफी मांगने और अपने गुनाहों को बख़्शवाने का महीना है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,रमज़ान, तौबा और इनाबा का महीना है, माफी मांगने और अपने गुनाहों को बख़्शवाने का महीना है।

तौबा का मतलब, उस राह से वापसी है जिस पर हम अपनी ग़लतियों और अपने गुनाहों की वजह से चलने लगे थे। इनाबा का मतलब, हमारा दिल खुदा की तरफ़ मुड़ जाए और हम दिन रात ख़ुदा से उम्मीद लगाएं।
कहते हैं कि तौबा और इनाबा में यह फर्क़ है कि तौबा, बीते हुए कल के लिए होता है जबकि इनाबा, आज और आने वाले कल के लिए होता है।

इमाम ख़ामेनेई

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