हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को मजमा उलेमा वा खुत्बा (मुंबई) इस्ना अश्री युवा फाउंडेशन (IAYF) और कई अन्य संगठनों ने इमाम खुमैनी की 33 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुंबई के डूंगरी में क़ैसर बाग हॉल में इमाम राहील की याद में एक समारोह का आयोजन किया। जिसमें बड़ी संख्या में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.व.) का अपमान करने वाले व्यक्तियों और समूहों की कड़ी निंदा के साथ हुई, इसके बाद मौलाना सैयद मोहम्मद अस्करी (दिल्ली), मौलाना अख्तर अब्बास जौन (लखनऊ), मौलाना सैयद गुलाम हुसैन मट्टू साहब (कश्मीर) के भाषण और सुन्नी धर्मगुरु मौलाना महमूद दरियाबादी को श्रोताओं ने बड़े उत्साह से सुना। आई अल एम (इस्लामिक लर्निंग मूवमेंट) के युवाओं ने इमाम खुमैनी (र.अ.) को श्रद्धांजलि दी, सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमेनेई और अयातुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी को सलामी दी।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मासूम बच्चों द्वारा प्रस्तुत तराना "सलाम फरमांदे" थी। ईरान के लोगों में उत्साह की लहर पैदा करने के बाद इस तराने ने मुंबई के तटों पर भी दस्तक दी और लोगों को जोश से भर दिया। इस आयोजन ने 14 वर्ष से कम उम्र के (150 से अधिक) लड़कों और लड़कियों को आकर्षित किया और उन्होंने ईरान से अबू धर रोही द्वारा सुनाई गई कविता सलाम फरमांदे को खूबसूरती से प्रस्तुत किया।
हालांकि यह कार्यक्रम तीन घंटे तक चला, लेकिन दर्शकों की दिलचस्पी ने उन्हें अपनी सीट से हिलने नहीं दिया।