۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अल्लामा अनवर अली नजफी

हौज़ा / इस्लामाबाद में अल-कौसर विश्वविद्यालय के शिक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि जब किसी का दिल हुसैन (अ.स.) के प्यार से सजा हुआ हो, तो फिर वह व्यक्ति हुसैन (अ.स.) के मार्ग पर निकलते हुए अपनी जान, माल और किसी भी चीज़ की परवाह नहीं करता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, इस्लामाबाद / हजरत रसूले खुदा (स.अ.व.व.) के नवासे, हैदर कर्रार हजरत अली (अ.स.) के वारिस, हजरत फातेमा जहरा (स.अ.) के वीर, सैयादुश्शोहादा हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) के जन्म दिवस के उपलक्ष मे अल-कौसर विश्वविद्यालय इस्लामाबाद मे एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। 

समारोह की शुरुआत हाफिज अली मुंतज़िर मेहदी द्वारा पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुई। इसके बाद, जामिया हुदा के छात्रों, मुनव्वर अली शुगरी और इरफान रज़ा ने इमामे आली मक़ाम ने मदहे इमाम करते हुए इमाम के प्रेमियों के उत्साह को बढ़ाया। समारोह में, काशिफ जवादी ने अपने नए अशआर को इमाम के सम्मान में समर्पित किया। बाद में, जामिया के शोला बयान वक्ता मौलाना रिजवान हैदर ने इमाम हुसैन (अ.स.) के फज़ाइल वा मनाक़िब को कुरआन और हदीस की रौशनी में उत्साहपूर्वक वर्णन किया।

मुख्य संबोधन अल्लामा अनवर अली नजफ़ी ने किया। अल्लामा अनवर अली नजफी ने अपने संबोधन में हुसैन (अ.स.) के प्यार को एक बड़ी खुशी करार दिया और प्रतिभागियों को हुसैन (अ.स.) के प्यार की जरूरतों को पूरा करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि दुनिया और आख़ेरत मे सफलता का रहस्य मोहब्बते हुसैन (अ.स.) है। जब किसी का दिल हुसैन (अ.स.) के प्यार से सराबोर हो जाता है, तो वह व्यक्ति हुसैन की राह पर निकलते समय अपने जीवन, धन और किसी भी चीज़ की परवाह नहीं करता।

छात्र ज़ुल्करनैन हैदर ने इस कार्यक्रम का निर्देशन किया। कोरोना वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर, समारोह मे एसओपी का पूरा ध्यान रखा और कार्यक्रम की अवधि कम रखी।

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