۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
मौलाना कैसर

हौज़ा/अध्यापक जमिया इमाम अमीरुल मोमिनीन अ.ल. नजफी हाउस मुंबई ने कहा कि कि आज हमारी ज़िम्मेदारी है कि ग़ैबते हज़रत इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम में ख़ुद को इमाम से कुरबत पैदा करने की कोशिश करें,वाजिबात को आदा करें, और दीनी और राजनीतिक मामलों में उसके साथ अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करें,क्योंकि हज़रत इमाम मेंहदी (अ.स.) के ज्ञान के लिए अंतर्दृष्टि होना बहुत महत्वपूर्ण हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,15शाबान और जश्ने मीलादे हज़रत इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के अवसर पर इमामिया बिलकेयर ट्रस्ट धनी सैय्यदैन उड़ी कश्मीर की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया
इस प्रोग्राम की शुरुआत तिलावते कुरआन करीम से हुई उसके बाद शोअरा ने बेहतरीन शेर पेश किए
जश्न के अंत में हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैय्यद मोहम्मद कैसर साहब अध्यापक जमिया इमाम अमीरुल मोमिनीन अ.ल. नजफी हाउस मुंबई ने सभा को संबोधित किया और मौजूद लोगों को बधाई पेश की


मौलाना ने अपने संबोधन में बात की कि आज के अशांत समय में इमाम और उनके महत्व और आवश्यकता को जानना क्यों आवश्यक है? और इमाम का ज्ञान कैसे प्राप्त किया जाए
मौलाना ने आगे कहा कि आज हमारी ज़िम्मेदारी है कि ग़ैबते हज़रत इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम में ख़ुद को इमाम से कुरबत पैदा करने की कोशिश करें,वाजिबात को आदा करें, और दीनी और राजनीतिक मामलों में उसके साथ अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करें,क्योंकि हज़रत इमाम मेंहदी (अ.स.) के ज्ञान के लिए अंतर्दृष्टि होना बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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