हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "आमाली सदूक" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المومنین علیه السلام
ما مِنْ یَوْم یَمُرُّ عَلَی ابْنِ آدَم إلاّ قالَ لَهُ ذلِکَ الْیَوْمُ: یَابْنَ آدَم أنَا یَوُمٌ جَدیدٌ وَ أناَ عَلَیْکَ شَهیدٌ. فَقُلْ فیَّ خَیْراً، وَ اعْمَلْ فیَّ خَیْرَاً، أشْهَدُ لَکَ بِهِ فِی الْقِیامَةِ، فَإنَّکَ لَنْ تَرانی بَعْدَهُ أبَداً.
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
हर नया दिन जो आता है, वह मनुष्य को संबोधित करता है और कहता है कि ए आदम के बेटे ! मैं नया दिन हूं, मैं तुम्हारे आमाल और भाषणों का साक्षी हूं।
कोशिश करो मुझ में अच्छी और फायदेमंद बात कहो, और अच्छा और नेंक काम अंजाम दो, क्योंकि मैं कयामत के दिन तुम्हारे आमाल और तुम्हारी बात पर गवाह हूं , और जान लो कि आज का दिन जब खत्म होगा, तो फिर मुझे देख नहीं पाओगे( यानी गुज़रा दिन फिर कभी वापस नहीं आएगा)
आमाली सदूक,पेंज 95