हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلی علیه السلام
مَنْ حاسَبَ نَفسَهُ وَقَفَ عَلي عُيُوبِهِ وَ أحاط بِذُنُوبِهِ وَاستَقالُ الذُّنُوبَ وَ أَصلَحَ العُيوُبَ
हज़रत इमाम अली अ.स. ने फरमाया:
जो मनुष्य अपने नफ्स का हिसाब करता हैं, और अपने अएबो और बुराई और गुनाहों से आगाह हो जाता है और ऐसा मनुष्य भी आखिरकार अपने गुनाहों को मिटाने और इस्लाह करने में कामयाब हो जाता हैं।
गेरारूल हिकम,पेंज 215