हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیه السلام
اِحبِسْ لِسانَكَ قَبلَ أن يُطيلَ حَبسَكَ و يُردي نَفسَكَ ، فلا شيءَ أولى بطُولِ سِجنٍ مِن لِسانٍ يَعدِلُ عَنِ الصَّوابِ و يَتَسَرّعُ إلَى الجَوابِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
इससे पहले कि तुम्हारी ज़बान तुम्हें लंबे समय के लिए जेल और मौत के मुंह में धकेल दे तुम इसे कैद कर लो( इस पर कंट्रोल करो) क्योंकि ऐसी ज़बान जो सही रास्ते से हट गई हो और जवाब देने में ज़ल्दी करती हो इससे ज़्यादा कोई चीज़ कैद में लंबे समय रहने की सज़ावार नहीं हैं।
गेरारूल हिकम,2437