हज़रत अली (अ.स.)
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दिन की हदीस:
नमाज़े शब क्यों पढ़े?
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत मे नमाज़े शब की खुसूसीयत बयान फरमाई है
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दिन की हदीस:
बाप से अच्छा सूलुक
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अ.स.ने एक रिवायत में बाप से अच्छा सूलुक करने की नसीहत फ़रमाई हैं।
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दिन की हदीस:
उम्मीदों का नुकसान
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में उम्मीदों के नुकसान की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीस:
बदतरीन कोशिश
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अ.स.ने एक रिवायत में बदतरीन कोशिश की पहचान कराई हैं।
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दिन की हदीस:
ईद क्या हैं?
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में काबिले गौर बातें बयान फरमाई हैं।
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हर तरफ छाई इमाम की विलादत की खुशियां धूमधाम से मनाया गया जश्न
हौज़ा/पहले इमाम हज़रत अली अ.स. की विलादत की खुशी गुरुवार को 13 रजब का त्योहार मनाया गया सुबह तड़के शिया समुदाय के घरों में नज्र के साथ शुरू हुआ यह सिलसिला देर रात जश्न में बदल गया वहीं शहर भर में रंगबिरंगी रौशनी से जगमगा रहे इमामबाड़े रौजे व कर्बला में मौला-ए-कायनात की शान में महफिल हुई
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दिन की हदीस:
किस तरह दूसरों की इसलाह करें?
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में दूसरों की इसलाह के तरीके की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत अमीरुल मोमिनीन अली (अ) के हरम पर "मौलूद-ए-काबा" का झंडा फहराया गया
हौज़ा / पवित्र पैग़म्बर (स) के जन्म के धन्य सप्ताह की शुरुआत के अवसर पर, हरम मुताहर में एक ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया गया।
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दिन की हदीस:
तकवा की रियायत में ज़बान का किरदार
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में तकवा की रियायत में ज़बान के किरदार की ओर इशारा किया हैं।
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दिन की हदीस:
बुद्धिमान मनुष्य के लक्षण
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सहाबे बसीरत इंसान की खूबसूरत को बयांन किया हैं।
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:दिन कि हदीस
आरज़ू को तर्क करने की अहमियत
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में आरज़ू को तर्क करने की अहमियत की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
ज़ालिम और मज़लूम के बारे में हमारी ज़िम्मेदारियां
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में ज़ालिम और मज़लूम के के बारे में हमारी जिम्मेदारियों की ओर इशारा किया हैं।
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सच्चों के साथ न खड़े होने का अंजाम कर्बला है
हौज़ा / हाय अफसोस अपने आप को मुसलमान और ईमान वाला कहने वाले जनाबे फातिमा,हज़रत अली,इमाम हसन और इमाम हुसैन सच्चों के साथ बादे रसूल खड़े नहीं हुए सिवाए चंद लोगों के,सच्चों के साथ न खड़े होने की वजह से हजरत अली की खिलाफत गई
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दिन की हदीसः
हिजाब और शुद्धता क्यों महत्वपूर्ण है?
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में हिजाब और एफ़ाफ़ (शुद्धता) के महत्व पर प्रकाश डाला है।
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:दिन कि हदीस
किसी व्यक्ति के स्वभाव को कैसे पहचानें?
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में किसी व्यक्ति के स्वभाव को पहचानने के तरीके की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
शब ए कद्र की अहमियत
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में शब ए कद्र की अहमियत की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
अपने नफ्स के साथ व्यवहार
हौज़ा/हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में अपने नफ्स के साथ व्यवहार करने की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
बेकार तारीफ और प्रशंसा का अंजाम
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में बे जा तारीफ और प्रशंसा के अंजाम कि ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
माहे शाबान के रोज़े का सवाब
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे शाबान के रोज़े के सवाब को बयान किया हैं।
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:दिन कि हदीस
शाबान के महीने में रोज़ा रखने का सवाब
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में शाबान के महीने में रोज़ा रखने के सवाब की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
बेहतरीन हाकिम और हुकूमत चलाने वाला
हौज़ा/हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में बेहतरीन हाकिम और हुकूमत चलाने वाले की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
इन तीन लोगों से दूर रहे!
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कंजूस, लालची और कायर लोगों से दूर रहने की सलाह दी हैं।
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:दिन कि हदीस
बुरे व्यवहार के परिणाम
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में बुरे व्यवहार के परिणाम की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
हज़रत अली अ.स.की मौतों की ज़ियारत पर ताकीद
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मौतों की ज़ियारत को जाने पर ताकीद की हैं।
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:दिन कि हदीस
कम बोलने के फायदे
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कम बोलने के फायदे को बयान किया हैं।
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: दिन कि हदीस
पवित्र कपड़ा पहनने का प्रभाव
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में पवित्र कपड़ा पहनने के प्रभाव की ओर इशारा किया हैं।
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सामर्रा इमाम हसन अस्करी (अ.) की शहादत दिवस पर तीर्थयात्रियों मेजबान + तस्वीरें
हौज़ा / सामर्रा मे इमाम हसन अस्करि (अ) के शहादत के दिनो में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने वाले असहाबुल मवाकिब अल खदमिया का कहाना हैं कि हमें इस सेवा के बदले में कुछ नहीं चाहिए, यह केवल अल्लाह की खुशी के लिए है और हमारे समय के इमामों को इस सेवा को स्वीकार करना चाहिए, यही हमारा लक्ष्य है।
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:दिन कि हदीस
ज़ुल्म का अंजाम
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में ज़ुल्म के अंजाम की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
अपने नफ्स का हिसाब करने का फायदा
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में अपने नफ्स का हिसाब करने के बेहतरीन फल की ओर इशारा किया हैं।
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दिन कि हदीस
हिजाब करने का फायदा
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में औरतों के हिसाब की दलील की ओर इशारा किया हैं।