बुधवार 23 फ़रवरी 2022 - 15:52
इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम कि रिज़ायत हासिल करना दीनी विद्यार्थी की पहली शर्त हैं।

हौज़ा/ शिक्षा हासिल करने में कमज़ोरी और थकावट का एहसास और जिंदगी में हौसले की कमी,रूहानिय और मअनवियात का मजबूत ना होने का नतीजा है,और मनुष्य क्रूर हृदय का शिकार हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य में साहस की कमी होती है और निराशा उसे घेर लेती हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन नासिर अकबर ज़ादे ने छात्रों की एक सभा में कहा कि हमेशा अल्लाह तआला को याद करना एक छात्र का महत्वपूर्ण गुण है। वह अपने भीतर आध्यात्मिकता पैदा करके अपनी खुशी सुनिश्चित करने की कोशिश करता हैं और इस रूहानिय और मअनवियात की रक्षा करता हैं।


उन्होंने अपने बयान को जारी रखते हुए कहा कि
शिक्षा हासिल करने में कमज़ोरी और थकावट का एहसास और जिंदगी में हौसले की कमी,रूहानिय और मअनवियात का मजबूत ना होने का नतीजा है,और मनुष्य क्रूर हृदय का शिकार हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य में साहस की कमी होती है और निराशा उसे घेर लेती हैं।


पश्चिमी अज़रबैजान में हौज़ाये इल्मिया के तबलीगी विभाग के उपाध्यक्ष ने कहां,हमेशा नेक काम अंजाम देना चाहिए और अपने रूह की हिफाज़त करनी चाहिए,और खुद का हिसाब रखना छात्र का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है।हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत ने फरमाया, कि वह हम में से नहीं है जो हर दिन अपने नफ्स का हिसाब ना करता हो वह हम ऐसे नहीं हैं।


अंत में उन्होंने कहा कि कुराआन शरीफ सही दिल मोमिन की निशानियां में से एक निशानी करार देता हैं, अल्लाह ताला के नजदीक अंदरूनी पाक और सफाई अहम ज़रूरी हैं। हर विद्यार्थियों को हमेशा पाक और साफ रहना चाहिए अंदरूनी और बाहरी तौर से और अल्लाह इस चीज़ से खुश होता है और मोमिन की निशानियां में से एक हैं।

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