हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यह मजलिस हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन मसऊद आली ने पढ़ी। उन्होंने अपनी मजलिस में अल्लाह के दीन की सच्ची मदद के लिए दिली मारेफ़त के अलावा पैग़म्बर के अहलेबैत से मुहब्बत करने वालों की सही पहचान और उनकी मुहब्बत और इसी तरह उनके दुश्मनों से बेज़ारी के इज़हार को ज़रूरी बताया
और कहाः आज अहलेबैत के दुश्मनों से बेज़ारी के इज़हार का एक तरीक़ा, दुनिया भर के ज़ालिमों और शैतानी ताक़तों के मुक़ाबले में डट जाना और इस्लामी समाज में उनके कल्चर और लाइफ़ स्टाइल को फैलने से रोकना है।
इस मजलिस में जनाब महदी रसूली ने नौहा व मरसिया पढ़ा और कर्बला के वाक़ए के कुछ मसाएब बयान किए।