हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने अपने अहलेबैत को कश्ती नूह से मिसाल दी है, निजात कश्ती पर सवार होने के नतीजे में मिलेगी किनारे पर खड़े होकर कश्ती की तारीफ करने से काम चलने वाला नहीं है।
अमरोहा के मोहल्ला काज़ी ग़ुल के इमामबारगाह में एक मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना डॉक्टर असगर एजाज़ कायेमी ने कुरान की अलग-अलग आयत की रोशनी में यह बात साबित किया कि उलिल अम्र कि अताअत क्या हुकुम दिया गया है।
उलिल अम्र से मुराद अहलेबैत अलैहिस्सलाम है। उनकी कश्ती पर सवार होना है अगर निजात चाहते हो
मौलाना कायेमी ने कहा कि निजात के लिए कश्ती पर सवार होना ज़रूरी है, किनारे पर खड़े होकर कश्ती की खूबसूरती की तारीफ करने से निजात नहीं मिल सकती
मौलाना कायेमी ने कहा की कश्ती पर सवार होने से मुराद अहले बैत से मोहब्बत और उनके नक्शे कदम पर चलना है।
मजलिस का आयोजन शहर के एक प्रमुख परिवार के सदस्य हसन अली खान की चलिसवे के अवसर पर किया गया था। इस मजलिस हज़ारों लोगों ने शिरकत की
समाचार कोड: 373035
5 अक्तूबर 2021 - 08:46
![अहलेबैत अ.स. से मोहब्बत ज़बानी दावे काफी नहीं है। मौलाना असगर एजाज़ कायेमी مولانا اصغر اعجاز قائمی](https://media.hawzahnews.com/d/2021/10/04/3/1225039.jpg)
हौज़ा/निजात के लिए कश्ती पर सवार होना ज़रूरी है, किनारे पर खड़े होकर कश्ती की खूबसूरती की तारीफ करने से निजात नहीं मिल सकती