हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने दूसरो पर तोहमत लगाने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जबाव के पाठ को बयान किया जा रहा हैं।
सवाल:दूसरों पर तोहमत लगाने का जबकि वह बात ना हो क्या हुक्म है और तोहमत लगाने वाले का क्या फरीज़ा हैं।
उत्तर: तोहमत बड़े गुनाहो में से है और इससे संजीदा और हकीकी तौबा लाज़मी हैं और अपनी बातों को जिस जिस तक पहुंचाई है झूठलाए और जिस पर तोहमत लगाई है उसकी रजामंदी हासिल करें।