۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई

हौज़ा/इल्ज़ाम ,गुनाहों कबीरा(महापाप) में से है जिससे तौबा करना ज़रूरी है और जिस किसी से भी अपनी बात कही है, उसके बेबुनियाद होने का इक़रार करे और जिस पर इल्ज़ाम लगाया है उससे रज़ामंदी हासिल करे,कि उसने माफ़ कर दिया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

 सवालः किसी सुबूत के बिना दूसरों पर इल्ज़ाम लगाने का क्या हुक्म है और जिसने इल्ज़ाम लगाया है उसकी क्या ज़िम्मेदारी है?
जवाबः इल्ज़ाम, कबीरा गुनाहों (महापाप) में से है जिससे तौबा करना ज़रूरी है और जिस किसी से भी अपनी बात कही है, उसके बेबुनियाद होने का इक़रार करे और जिस पर इल्ज़ाम लगाया है उससे रज़ामंदी हासिल करे,कि उसने माफ़ कर दिया है।

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