हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इराकी काफिलों का मशहद की ओर पैदल आना जाना जारी हैं,और हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत कई सालों से चल रही है और हर साल बढ़ती जा रही हैं और कारवां ज़्यादा आ रहे हैं।
कर्बला से मशहद तक के रास्ते को देखते हुए इराकी ज़ायरीन को 2600 किमी पैदल चलना पड़ता हैं वह इराक में लगभग 16 दिन और ईरान में 57 दिन की यात्रा करेंगे, वह बीच में कुम में प्रवेश करेंगे और फिर तीर्थयात्रा के बाद फिर से जाएंगे।
इराकी काफिले 15 अक्टूबर से ईरान की ओर बढ़ना शुरू कर चुके हैं, उनमें से कुछ कुम पहुंच गए हैं और कुछ मशहद के लिए रवाना हो गए हैं, और अभी भी ऐसे काफिले हैं जो इराक से अभी अभी चलना शुरू किए हैं।
अब तक करीब 13 काफिले रवाना हो चुके हैं और बाकी काफिले जाने के लिए तैयार हैं इस वर्ष कुल 40 कारवां ईरान जाने की योजना बना रहे हैं, प्रत्येक जुलूस में 35 से 80 तीर्थयात्री होंगे, जिनकी कुल संख्या 2,000 से अधिक हैं।