۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
समाचार कोड: 384427
16 नवंबर 2022 - 18:45
تصاویر/ حال و هوای مسجد مقدس جمکران در شب ولادت امام حسن عسکری (ع)

हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,ऐसा नहीं है कि जब हम वहाँ इमामे ज़माना अ.स. के ज़माने में पहुँचेंगे तो अचानक एक तेज़ हरकत होगी और फिर वो रुक जाएगी, अस्ल में यह कहा जाना चाहिए कि इंसान की अस्ली ज़िंदगी और उसका वांछित जीवन वहीं से शुरू होगा

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,ऐसा नहीं है कि जब हम वहाँ (इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के ज़माने में) पहुँचेंगे तो अचानक एक तेज़ हरकत होगी और फिर वो रुक जाएगी। नहीं, वो जगह एक रास्ता है।

अस्ल में ये कहा जाना चाहिए कि इंसान की अस्ली ज़िंदगी और उसका वांछित जीवन वहीं से शुरू होगा और फिर इंसानियत रास्ते पर अपनर सफ़र शुरू करेगी जो सिराते मुस्तक़ीम (सीधा मार्ग) है और उसे उसकी रचना के मक़सद तक पहुंचाएगा,

इंसानियत को पहुंचाएगा, कुछ इंसानी समूहों को नहीं, कुछ इंसानों को नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत को।

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