۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
مولانا ابوالقاسم رضوی

हौज़ा/ऑस्ट्रेलिया के शिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष और इमाम जुमआ मेलबर्न ने कहा,कि हमें इमाम से भी मिला रहना चाहिए और लोंगों से भी आज का ज़माना बहुत कठिन है इसलिए हर किसी को इमाम ए वक्त से जुड़े रहने में हम सब कि कामयाबी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आस्ट्रेलिया के मेलबर्न के इमामे जुमआ और ऑस्ट्रेलिया की शिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैय्यद अबुल कासिम रिज़वी ने कहां, हुज्जातुल मेंहदी हैदराबाद डेक्कन में जामिया के छात्रों की सभा में अपने भाषण के दौरान कहा कि विशेष रूप से हम उलेमा को अपने भीतर ईमानदारी विकसित करने की आवश्यकता है।


उन्होंने जामिया में एक छात्र के रूप में अपने समय को याद करते हुए कहा कि हमें परीक्षा के समय परीक्षा की तैयारी नहीं करनी पड़ी क्योंकि हर दिन हमारे लिए परीक्षा का दिन था, पाठ के बाद दोपहर की प्रार्थना और फिर प्रार्थना के बाद , हाथ मिलाना। 
नमाज़े ज़ोहर के बाद जब हम हाथ मिलाते थे उसके बाद आका मूसवी का सवाल होता था कि आज क्या तुमने पढ़ा?उस वक्त पड़े हुए तमाम पाठ को उनके सामने बयान करना होता था यह हौज़ा ए इल्मिया की कामयाबी का राज़ था,जब हम छुट्टियों में घर या तबलीग़ जाते थे, तो ये तीन पुस्तकें हमेशा साथ होती थी मेराअतुल रेशाद,चौज़िहुल मसीईल,मनाज़िर बगदादी साथ होती थीं।

अंत में कहा,हमें इमाम से भी मिला रहना चाहिए और लोंगों से भी आज का ज़माना बहुत कठिन है इसलिए हर किसी को इमाम ए वक्त से जुड़े रहने में हम सब कि कामयाबी हैं।

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